Friday, August 20, 2021

प्रकाश संश्लेषण क्या होता है। प्रकाश संश्लेषण का महत्व, परिभाषा, व प्रयोग और महत्वपूर्ण सूत्रों का संगठन।

 प्रकाश संश्लेषण का महत्व, परिभाषा, और महत्वपूर्ण सूत्रों का संकलन व प्रकाश संश्लेषण क्या होता है ? फुल हिंदी में जानकारी।


प्रिये मित्रों आज हम आपके लिए बहुत ही रोचक जानकारी ले कर आये हैं जिसे पढ़कर आपको एक अच्छी जानकारी तो मिलेगी ही बल्कि आपको परीक्षा में भी इससे सफलता मिलेगी । आज के इस टॉपिक में हम आपको प्रकाश संश्लेषण के बारे में सभी तथ्य बताएंगे।प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से परीक्षा में भी इसकी परिभाषा पूछी जाती है तो आप बिलकुल भी घबराएं नहीं क्योंकि हम प्रकाश संश्लेषण से जुड़े सभी टॉपिक बताएंगे। पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे आर्टिकल को लास्ट तक पड़ें , चलिये शुरू करते हैं।

प्रकाश संश्लेषण क्या होता है व इसकी परिभाषा ?

वह प्रक्रिया जिसके द्वारा पौधे जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके सुर्य के प्रकाश तथा पणृहरित की उपस्थिति में अपना भोजन बनाते हैं उसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।

पत्त्तियों की संरचना कैसे होती है ?

अधिकांश पौधों की पत्तियाँ समतल और हरे रंग की होती हैं। ये अत्यधिक पतली किन्तु कोशिकाओं की अनेक परतों से मिलकर बनी होती हैं।

पत्ती की अधिकांश कोशिकाओं में पणृरहित नहीं होता है, इनमें वायु के लिए स्थान होता है।

यह स्थान छोटे छिद्रों से जुड़े रहते हैं,जिन्हें रंध्र कहते हैं।ये बाहर की ओर खुलते हैं और गैसों का आदान - प्रदान करते हैं।

जल की अधिकता को भी रंध्रो द्वारा समाप्त किया जाता है। सूर्य के प्रकाश में किसी पत्ती को ध्यानपूर्वक देखिए आप शिराओ के एक जाल को देखेंगे।

ये शिरायें एक मद्य् शिरा से जुड़ी रहती है जिसे मध्य रीढ़ कहा जाता है।

जो शाखा तथा तने की नलियों से डंठल द्वारा जुड़ी रहती है जल तथा खनिज लवण इन शिराओं द्वारा पत्त्तियों तक पहुंचाते हैं।

तैयार भोजन को तने की नलियां शिराओं द्वारा ले जाती हैं तथा पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाती हैं शिराओं में दो नलियां होती हैं, एक भीतरी बहाव के लिए और दूसरी बाहरी बहाव के लिए।

पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया

हरे पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, सभी सजीव जंतु भोजन तथा ऑक्सीजन     के लिए पौधों पर निर्भर रहते हैं। अतः पौधे हमारे पर्यावरण का अत्यधिक महत्वपूर्ण अंग है ।

पत्तियां पौधों के भोजन का कारखाना या रसोईघर कहलाती हैं।

पणृरहित नामक हरे पदार्थ की उपस्थिति के कारण पत्त्तियों का रंग हरा होता है, ये पदार्थ भोजन के निर्माण के लिए अत्यधिक उपयोगी हैं।।

जड़ तथा पत्तियां भी भोजन के निर्माण में सहायता करती हैं जड़ के सूक्ष्म रेशों मिट्टी से जल और खनिज लवण अवशोषित करते हैं।

तना मिट्टी के ऊपर वृद्धि करता है ये शाखाओं, पत्तियाँ, फूलों और फलों को सहायता देता है।

ये पत्तियां द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के सभी भागों तक ले जाता है।

पत्त्तियों के क्या क्या कार्य होते हैं ?



पत्तियाँ प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में कार्य करती हैं ये कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण और ऑक्सीजन निष्कासित करके पौधे की भोजन बनाने में सहायता करती हैं।

पत्तियाँ भोजन के प्रजनन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन को ग्रहण करती हैं।

पौधे वाष्पोत्सर्जन की क्रिया के समय रंध्रो द्वारा अतिरिक्त जल को बाहर निकालते हैं।

भोजन पत्त्तियों, तना, जड़ों, फलों तथा बीजों में सरंक्षित होता है।

पौधे अपना भोजन कैसे बनाते हैं ?


सुर्य का प्रकाश पत्त्तियों को भोजन बनाने के लिए ऊर्जा देता है।

पत्त्तियों में उपस्थित पणृरहित सुर्य से सौर ऊर्जा प्राप्त करता है।

पत्तियाँ रंध्रो द्वारा वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करती हैं।

अवशोषित जल जड़ों तथा तनों द्वारा पत्त्तियों तक तथा नलियों द्वारा पत्त्तियों की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाया जाता है।

प्रकाश संश्लेषण के समय, सूर्य की ऊर्जा कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल के साथ क्रिया करके ग्लूकोज ( पौधे का भोजन ) बनाती हैं तथा वायु में ऑक्सीजन मुक्त करती हैं।

ये प्रक्रिया इस प्रकार होती है -:

6CO2 + 12H2O + प्रकाश + पणृरहित - C6H12O6 + 6H2O + पणृरहित कार्बन डाइऑक्साइड + प्रकाश + पणृरहित - ग्लूगोज + ऑक्सीजन + जल + पणृरहित 

ग्लूगोज को नलियां तथा तने द्वारा पौधे के सभी हिस्सों तक ले जाया जाता है :- जैसे - पत्तीयों , तने , जड़ें, फल और बीजों तथा भोजन के रूप में एकत्रित किया जाता है।

पालक , अन्नानास , अनार , अखरोट , गेहूँ , गन्ना , आलू , गाजर , मूली , तथा फूलगोभी पौधे के भागों के कुछ उदाहरण हैं।

अहरित पौधों के बारे में जानकारी।

नागफनी

हम जानते हैं कि हरि पत्त्तियों वाले पौधे भोजन बनाते हैं हम यह भी जानते हैं कि भोजन बनाने के लिए पत्त्तियों मे पणृरहित की उपस्थिति आवश्यक है।

नागफनी, मशरूम, मोल्ड तथा क्रोटन की पत्तियां हरि नहीं होती । नागफनी में, पत्तियाँ काँटो के रूप में होती हैं । भोजन इसके मोटे हरे तने में बनाया जाता है।नागफनी के पौधे को बहुत ही कम पानी की आवश्यकता होती है। कम पानी वाले स्थानों में पैदा होने के कारण इनकी पत्त्तियों का रूप काँटों में बदल जाता है। 

क्रोटन

कुछ पौधों जैसे क्रोटन में पणृरहित होता है किंतु इनका रंग गहरा लाल दिखाई देता है क्योंकि इनमें लाल पदार्थ उपस्थित होता है।

मशरूम

क्या आपने मशरूमों को नम लकडी पर उगते हुए देखा है यदि नही तो हम आपको बताते हैं, ये हरे रंग के नहीं होते हैं। इनमें भोजन बनाने के लिए पणृरहित नहीं होता है। ये मरे तथा सड़े हुए पौधों तथा जन्तुओं से पौष्टिक तत्वों को अवशेषित कर लेता है।

प्रकाश संश्लेषण के महत्वपूर्ण सूत्र।

प्रकाश संश्लेषण के कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण सूत्र ये हैं-:

जल - H2O

ऑक्सीजन - O2

ग्लूगोज - C6H12O6

कार्बन डाइऑक्साइड - CO2

प्रकाश संश्लेषण के कुछ मुख्य बिंदु ( Some Important Points )

सभी सजीव जंतुओं की वृद्धि के लिए भोजन आवश्यक है।

पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं।

भोजन बनाने के लिए इन्हें जल, पणृहरित, सुर्य का प्रकाश और कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यकता होती है।

पणृहरित की उपस्थिति के कारण पत्त्तियों का रंग हरा होता है, ये पौधे के भोजन का कारखाना कहलाती हैं।

भोजन पत्त्तियों, तना, जड़ों, फलों और बीजों में सरंक्षित रहता है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में ग्लूगोज का निर्माण होता है और ऑक्सीजन को वातावरण में छोड़ा जाता है।

प्रकाश संश्लेषण में सूर्य की क्या भूमिका है ? 

सुर्य के कारण ही सभी प्रकार के पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है जो सूर्य के बिना असंभव है और इससे ही पेड़ पौधों का भोजन बन पाता है तथा पेड़ पौधे इस भोजन के कारण वृद्धि करते हैं।

सूर्य का प्रकाश ही पेड़ पौधों का भोजन बनाने में सहायता करता है।

जब सूर्य का प्रकाश पेड़ पौधों के ऊपर पड़ता है तो पेड़ पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया अपनाते हैं और अपना भोजन कर पाते हैं।

कीटाहारी पौधे किसे कहते हैं ? 



ये पौधे छोटे कीड़े मकोड़े को पकड़कर खाते हैं। भोजन बनाने के लिए इनकी पत्तीयाँ हरि होती हैं। अतः ये कम नाइट्रोजन वाली मिट्टी में वृद्धि करते हैं। कीड़े मकोड़े को खाने से ये उनसे अपने हिस्से के खनिज लवण प्राप्त करते हैं।

वीनस फलयट्रिप, घटपर्णी, ड्रोसेरा आदि कीटाहारी पौधे में , पत्ती कलश के आकार की होती है। इसके अंदर कुछ द्रव्य होता है। जो इसमें गिरे हुए कीड़े मकोड़े को मार देता है। कीड़े मकोड़े को कलश के अंदर पचाया जाता है तथा खनिजों को पौधे द्वारा प्रयोग किया जाता है।

वीनस फलयट्रिप की पत्ती के प्रत्येक आधे हिस्से में लंबे कांटे होते हैं काँटो को छूने पर पत्ति के किनारे के दोंनो आधे हिस्से बंद हो जाते हैं तथा कीडे को अंदर बन्द कर लिया जाता है। जिसे बाद में पौधे द्वारा पचा लिया जाता है।

प्रकाश संश्लेषण की अनुकूलता 

सभी सजीव जंतु अपने वातावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं तथा ये प्राकृतिक रूप से उनके आचरण, आकृति, विग्यान, सारीरिक रचना तथा जीवन पद्दत्ति को प्रभावित करता है।

पौधे विभिन्न वातावरणों में रहते हैं और वृद्धि करते हैं कुछ पौधे भूमि पर, कुछ जल में तथा कुछ मरुस्थलों आदि में वृद्धि करते हैं।

यह सभी स्थान जहां प्राणी रहते हैं उनके आवास कहलाते हैं। 

भिन्न भिन्न स्थानों पर जलवायु की स्थिति भिन्न भिन्न होती है। इन परिस्थितियों का सामना करने के लिए पौधे स्वयं में उचित परिवर्तन करते रहते हैं यह परिवर्तन अनुकूलन कहलाते हैं। 

यह अनुकूलन इनकी विपरीत परिस्थितियों में सुविधा पूर्वक तथा सुरक्षित रूप से रहने में सहायता करते हैं।

प्रकाश संश्लेषण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रशन।

पणृहरित का रंग कैसा होता है ?

उत्तर :- पणृहरित का रंग हरा होता है।

नागफनी में क्या नहीं होता है ?

उत्तर :- नागफनी में पत्तियां नही होती हैं क्योंकि इनकी पत्तीयाँ काँटों में बदल जाती हैं।

आयोडीन के सम्पर्क में आने पर आलू का टुकड़ा कैसा हो जाता है ? 

उत्तर :- आयोडीन के सम्पर्क में आने के बाद आलू का टुकड़ा हर हो जाता है।

रंध्रो द्वारा पानी की कमी को क्या कहते हैं ?

 उत्तर :- रंध्रो द्वारा पानी की कमी होने के कारण को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं।

भोजन बनाने के लिए पत्तियों में उपस्थित हरा पदार्थ क्या कहलाता है ?

उत्तर :- पत्तियों में उपस्थित भोजन बनाने के लिए हरा पदार्थ पणृहरित कहलाता है।

पत्तियों में हरा पदार्थ क्या कहलाता है ?

उत्तर :- पत्तियों में हरे रंग का पदार्थ पणृहरित कहलाता है।

प्रकाश संश्लेषण में मरुस्थलीय पौधे ।

इन पौधों को सूखी भूमि के पौधे कहते हैं इन पौधों में तना छोटा , लकड़दार , सूखा तथा कठोर होता है पत्तियों का आकार छोटा होता है।

मरुस्थलों में मिट्टी चट्टानी या रेतीली होती है तथा अधिक जल को धारण नहीं कर पाती । अतः अपनी पत्तियों द्वारा जल नहीं सोखते इस कारण पत्त्तियों की वृद्धि नहीं होती है तथा काँटो का आकार ग्रहण कर लेती हैं।

ऐसे पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया तने द्वारा होती है जड़ें लंबी तथा अच्छी प्रकार से फैली हुई होती है तथा भूमि के अंदर तक होती हैं।

प्रकाश संश्लेषण में जलीय पौधे ।

पौधे जो जल पर या जल के अंदर रहते हैं जलीय पौधे कहलाते हैं। इनमें से कुछ पूर्णतः जल के अंदर उगते हैं और कुछ जल की सतह पर तैरते हैं ये पृथ्वी पर पाय जाने वाले पहले पौधे थे।

ये तीन प्रकार के होते हैं:- 

1. जल - मग्न पौधे

2. तैरते पौधे

3. स्थिर पौधे 

1. जल - मग्न पौधे :- कुछ पौधे पूर्णतः जल के अंदर  वृद्धि करते हैं । इन्हें  जल मग्न  पौधे कहते हैं। 

ये नीचे की ओर मिटटी में स्थिर होते हैं ये जल के तेज बहाव को सहन कर सकते हैं। इनमें रंध्र नहीं होते, ये अपने शरीर की सतह से सांस लेते हैं । इनकी पत्तीयाँ छोटी तथा सँकरी होती हैं। ये पत्तीयाँ पानी के बहाव की दिशा में घूम जाती है तथा टूटती नही है।

उदहारण :- फीते वाली घास , तालाबी खरपतवार आदि

2. तैरते पौधे :- ये पौधे  पानी की सतह पर मुक्त  रूप तैरते हैं। इनका तना छोटा  तथा जड़ें  उचित रूप से विकसित नहींं होती हैं। इनकी पत्तियों पर एक मोटी  मोम जैसी परत होती है।

जिससे पानी सतह को गीली न कर सके तथा रंध्र बंद न हो सके ।

उदाहरण :- डकवीड ,  पिसतीया आदि 


3. स्थिर पौधे :- कुुुछ पौधों की जड़ेें पानी की तली से जुुडी रहती हैं। इन  पौधों का  तना लंबा तथा खोकला होता है जो चौड़ी पत्तियों तथा  फूलों की  तैरने में  साहायता करता है । तना लचीला  होता है  तथा रंध्र पत्तियों की  ऊपरी सतह पर पाए जााते है। 

उदहारण :- वाटर लिली, कमल आदि। 


मिट्टी के अपरदन में पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते हुए।

मिट्टी प्राकृतिक कारणों से आसानी से अपरदित होती रहती है। यह वर्षा या तेज हवा के कारण स्थान परिवर्तित करती रहती है। प्राकृतिक कारणों से भूमि की ऊपरी परत का बह जाना स्थान परिवर्तित होना मिट्टी अपरदन कहलाता है।

अपरदन के कारण भूमि की ऊपरी उपजाऊ परत टूटकर बह जाती है, इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है और पेड़ पौधों को नमी तथा आवश्यक खनिज लवण नहीं मिल पाते हैं जिस कारण उनकी वृद्धि एवं विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

जब मिट्टी को जल एवं वायु के द्वारा अपरदित होने से बचाने की क्रिया की जाती है तो उसे मिट्टी का सरंक्षण कहते हैं। 

पेड़ पौधों, घास, झाड़ियों, आदि मिट्टी को अपने में जकड़े रखती हैं। इनकी जड़ें बहुत मजबूत होते हैं जिस कारण जकड़ी मिट्टी आसानी से बह जाती है और उड़ नहीं पाती है।

नदियों के किनारे बाँध एवं तट बनाकर नदियों की दिशा परिवर्तनों को रोका जा सकता है। इससे खेतों की उपजाऊ मिट्टी को बाड़ों एवं नदियों के गतिशील जल में बहने से रोका जा सकता है।

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Friday, August 13, 2021

IPL 2021 NEW SCHEDULE, जानें IPL 2021 का दूसरा चरण कब और कहाँ खेला जायेगा। Full Details

IPL 2021 New Schedule, New Time Table, Full Details

IPL 2021 के दूसरे चरण के बारे में पूरी जानकारी कब , कहाँ और कैसे ?


साथियों आज हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से साल की सबसे बड़ी एक रोचक खबर बताने जा रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको IPL 2021 के दूसरे चरण के बारे में सभी जानकारी देंगे कब , कहाँ और कैसे खेला जाएगा तो इस रोमांचक खबर को अंत तक पडें।

IPL 2021 Full Details

आपके लिए बता दें कि आईपीएल 2021 का आयोजन अप्रैल महीने में तय किया गया था जो कोरोना संक्रमण नामक बीमारी के कारण कुछ मैचों के बाद स्थागित कर दिया गया था। अप्रैल महीने में BCCI ने कुछ मैच भी करा दिए थे लेकिन IPL पूरी तरह से फाइनल नहीं हो पाया था। कोरोना बीमारी के कारण कुछ टीमों में खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए गए और आईपीएल को स्थागित कर दिया गया था।

आईपीएल के शेष बचे हुए मैचों को कराने के लिए बीसीसीआई की तय्यरियाँ बहुत ही जोरों से चल रही हैं।

Indian Premier League 2021 के दूसरे चरण अथवा शेष बचे हुए सभी मैचों का आयोजन अब 19 सितम्बर से 15 अक्टूबर के बीच होगा , जो UAE में खेले जाएंगे ।

BCCI बोर्ड ने अब दुबारा IPl का आयोजन करने का निर्णय लिया है जिसमें कुछ टीमों का भी संसोधन किया गया है। आईपीएल 2021 के पहले चरण का आयोजन अप्रैल में किया गया था। United Arab Emirates में अब आईपीएल के दुसरे चरण का आयोजन होने जा रहा है।

IPL क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा अहम हिस्सा है।
आईपीएल में कुछ भारतीय खिलाड़ी व कुछ विदेशी खिलाडी दोनों मिलकर खेलते हैं। क्रिकेट के बहुत सारे टूर्नामेंट है लेकिन आईपीएल क्रिकेट का अब बहुत बड़ा हिस्सा बन गया है।

United Arab Emirates में होने वाले आईपीएल 2021 के दूसरा चरण के लिए सभी क्रिकेट जगत के खिलाड़ी व क्रिकेट के उत्सुक दर्शकों में बहुत जोश आ गया है।

Indian Premier League अर्थात IPL, क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित एक ट्वेंटी ट्वेंटी प्रतियोगिता है जिसका आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। ये हर वर्ष अप्रैल महीने में आयोजित किया जाता था लेकिन कोरोना बीमारी के कारण इसको स्थागित कर दिया जाता है।

आईपीएल में लगभग सभी टीमों की संख्या 8 है जो आपस में खेलकर आईपीएल के फाइनल में पहुंचती हैं।आईपीएल में विजय होने वाली टीम को बहुत बड़ा पुरुस्कार दिया जाता है।

आईपीएल 2021 के प्रथम चरण की पॉइंट टेबल 

आईपीएल के कुछ मैच जो प्रथम चरण में पूरे हुए थे उनकी पॉइंट टेबल इस प्रकार है :-

इस टेबल के हिसाब से देखा जाए तो आईपीएल की टीम  दिल्ली कैपिटल ( Delhi Capital ) सबसे पहले नम्बर पर है और चेन्नई सुपरकिंग्स ( CSK ) दूसरे स्थान पर है। KKR और SRH दोनों ही टीमें सबसे नीचे हैं।

Delhi Capital के अभी तक केवल आठ मैच हुए हैं जिनमें से छः मैचों में उन्हीं जीत और दो मैचों में उन्हें हार मिली है। इसी प्रकार SRH(Sunriser Hydrabad )  को देख जाए तो उसने सात मैचों में से केवल एक ही मैच में जीत पाई है और छः मैचों को वो हर चुकी है। 

आईपीएल की आठ टीमें कौन-कौन सी हैं ?

आईपीएल में पूरी आठ टीमों का समावेश है जो इस प्रकार हैं :-

Delhi Capitals ( DC )

Chennai super kings ( CSK )

Mumbai Indians ( MI )

Kolkata Knight Riders ( KKR )

Kings XI Punjab ( KXIP )

Sunrisers Hydrabad ( SRH )

Royal challengers Banglore ( RCB )

Rajasthan Royals ( RR )

ये ही वो आठ टीमें हैं जो BCCI ने आईपीएल के लिए गठित की हैं।

19 सितम्बर से स्टार्ट होने वाला आईपीएल 2021 का दूसरा चरण अब ज्यादा दूर नहीं है जिसमें ये आठों टीमें विजयी होने के लिए प्रयास करेंगी। 

लगभग 15 या 16 अक्टूबर तक इन सभी टीमों में से कौन विजयी घोषित होगा ये भी पता चल जाएगा। 

आईपीएल के बीसीसीआई अध्यक्ष कौन हैं ?

आईपीएल में बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में राजीव शुक्ला को बोर्ड ऑफ कंट्रोल फ़ॉर क्रिकेट इन इंडिया द्वारा आईपीएल का नया चैयरमैन या अध्यक्ष चुना गया है।

इससे पहले आईपीएल के अध्यक्ष, रनजीव बिस्वाल थे जो अब हटा दिये गये हैं। 

आईपीएल ( IPL ) की शुरुआत कब हुई थी ?

आईपीएल ( IPL ) की शुरुआत सन 2008 में हुई थी जिसमें आठ टीमों ने भाग लिया था और प्रथम बार आयोजित हुए आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स ने जीत हासिल की थी।

आईपीएल में सबसे ज्यादा , टीम मुम्बई इंडियंस ( MI ) विजयी रही है।

आईपीएल ( IPL ) का पूरा नाम क्या है ? 

आईपीएल को हिंदी में "इंडियन प्रीमियर लीग" तथा अंग्रेजी में इसे Indian Premier League कहा जाता है।

आईपीएल 2021 का नया शेड्यूल


बीसीसीआई ने आईपीएल 2021 के बचे हुए मैचों का नया शेड्यूल तैयार किया है :-

Date                      Day                     Time

19 सितंबर                रविवार               7:30 PM

20 सितंबर                सोमवार             7:30 PM

21 सितंबर                मंगलवार           7:30 PM

22 सितंबर               बुधवार                 7:30 PM

23 सितंबर              गुरुवार              7:30 PM

24 सितंबर            शुक्रवार             3:30 PM

25 सितंबर            शनिवार             3:30 PM

25 सितंबर            शनिवार             7:30 PM

26 सितंबर            रविवार               3:30 PM

26 सितंबर            रविवार                7:30 PM

27 सितंबर            सोमवार               7:30 PM

28 सितंबर            मंगलवार             3:30 PM

28 सितंबर              मंगलवार              7:30 PM

29 सितंबर            बुधवार                7:30 PM

30 सितंबर             गुरुवार                7:30 PM

1 अक्टूबर               शुक्रवार               7:30 PM

2 अक्टूबर               शनिवार               3:30 PM

2 अक्टूबर               शनिवार            7:30 PM

3 अक्टूबर              रविवार                3:30 PM

3 अक्टूबर              रविवार               7:30 PM

4 अक्टूबर              सोमवार              7:30 PM

5 अक्टूबर             मंगलवार               7:30 PM

6 अक्टूबर             बुधवार                  7:30 PM

7 अक्टूबर              गुरुवार                3:30 PM

7 अक्टूबर               गुरुवार                7:30 PM

8 अक्टूबर                शुक्रवार             3:30 PM

8 अक्टूबर               शुक्रवार               7:30 PM

प्ले ऑफ मैच

10 अक्टूबर            शनिवार            7:30 PM

11 अक्टूबर            रविवार               7:30 PM

13 अक्टूबर            सोमवार             7:30 PM

फाइनल मैच

15 अक्टूबर            मंगलवार           7:30 PM

19 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच होने वाले मैच

Mi vs CSK

KKR vs RCB

PBKS vs RR

DC vs SRH

MI vs KKR

RCB vs CSK

DC vs RR

SRH vs PBKS

CSK vs KKR

RCB vs MI

SRH vs RR

KKR vs DC

MI vs PBKS

RR vs RCB

SRH vs CSK

KKR vs PBKS

MI vs DC

RR vs CSK

RCB vs PBKS

KKR vs SRH

DC vs CSK

RR vs MI

RCB vs SRH

CSK vs PBKS

KKR vs RR

SRH vs MI

RCB vs DC

Play - off ( प्ले - ऑफ )

Final ( फाइनल )

मुम्बई इंडियंस एक ऐसी आईपीएल की टीम है जो जितने भी 2008 से और अब तक हुए आईपीएल मैचों में सबसे ज्यादा मैचों में विजयी हुई है।

आईपीएल में सबसे ज्यादा छक्के किसने मारे हैं ?

आईपीएल के इतिहास में वेस्टइंडीज के खिलाड़ी क्रिस गेल ने सबसे ज्यादा छक्के मारे हैं । सबसे ज्यादा छक्का मारने का रिकॉर्ड इन्हीं के नाम हैं।

आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी का नाम क्या है ?

आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड पॉवरफुल बल्लेबाज विराट कोहली के नाम है। जिन्हें रन मशीन के नाम से भी जाना जाता है। 

2020 के आईपीएल में ऑरेंज कैप किसे मिला है?

2020 में होने वाले आईपीएल में ऑरेंज कैप केएल राहुल को मिला है। ऑरेंज कैप केवल सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी को मिलता है।

2020 के आईपीएल में पर्पल कैप किस खिलाड़ी को मिला था ?

2020 में जो आईपीएल मैच का आयोजन हुआ था उसमें कागिसो रबाडा ने पर्पल कैप हाशिल क्या था जो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी को मिलता है।


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Wednesday, August 11, 2021

UP ITI 2021 Online Form, New Admission, Full details in hindi, up ITI के बारे में फुल हिंदी में जानकारी।

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आज हम आपके लिए एक ऐसा आर्टिकल लेकर के आये हैं जिसमें आपको UP ITI 2021 के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। ITI में कितनी ट्रेड्स होती हैं इसके बारे में भी बताएंगे। ITI के college कहाँ हैं, क्या योग्यता होनी चाहिए, ITI की कितनी फीस होती है।पूरी जानकारी इस आर्टिकल में संयोजित है तो Details देखने के लिए हमारे आर्टिकल को पूरा पड़ें।


What is ITI ? ( आई टी आई क्या है ? )

ITI एक ऐसा कोर्स है जिसमें विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें उनके काम में निपुण किया जाता है और उनके भविष्य के लिए एक अच्छा करियर प्रदान करता है ITI के जरिये विद्यार्थियों को अनेक कार्यों के बारे में अवगत कराया जाता है।

ITI में विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रीशियन, फिटर, पलम्बरिंग, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, मैकेनिक आदि के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है।

ITI एक कौशल प्रशिक्षण कोर्स है जिसमें विद्यार्थियों को इंडस्ट्री लेवल का  प्रशिक्षण देकर अनेक कंपनियों में जॉब के लिए तैयार किया जाता है। इससे विद्यार्थियों के अच्छे कैरियर की शुरूआत होती है।

बड़े-बड़े औद्योगिक संस्थानों में ITI से सम्वन्धित क्षात्रों को काम करने के लिए तैयार किया जाता है।

ITI एक Industrial Training Level का कोर्स है जो NCVT एवं SCVT से सम्वन्धित है।

ITI में विभिन्न प्रकार की ट्रेड्स होती है जिन्हें विद्यार्थी अपनी मर्जी से कोई एक ट्रेड को चुनकर अपना भविष्य निर्धारित करता है।

ITI Government व Private दोनों प्रकार के Colleges के माध्यम से की जा सकती है फीस की बात करें तो Private और Government Collage की अलग-अलग होती है।

ITI Trades ( ITI की कौन-कौन सी ट्रेड्स होती हैं। )

ITI से जुड़ी हुई बहुत सी ट्रेड्स Trades होती हैं जो निम्नलिखित हैं -:

Trades                                       Duration

Fitter                                            2 Year

Mechanical                               2 Year

Electronic                                  2 Year

Plumbring                                 2 Year

Computer Hardware &
Network Maintenance          1 Year


Plastic Processing
Operator                                    1 Year

Turner                                         2 Year

Instrument Mechanic            2 Year

Tools & Diemaker                   2 Year

Mechanic Grinder                   2 Year

Draftsman Mechanic               2 Year

Draftsman Civil                         2 Year

Surveyor                                    1 Year

Electronic Mechanic                 2 Year

Electroplater                             2 Year

Mechanic
Motor vehicle                            2 Year

Copa                                            1 Year

Eligibility for ITI

ITI में आवेदन करने के लिए विद्यार्थियों को कक्षा 8 या 10  पास होना चाहिए। विद्यार्थी 10 वीं कक्षा भी हो तब भी ITI के लिए आवेदन कर सकता है।

विद्यार्थियों के पास ट्रेड्स से सम्बंधित योग्यता होनी चाहिए। 

कुछ ट्रेड्स ऐसी भी होती हैं जिसमें विद्यार्थियों को 12th math से होना चाहिए।

विद्यार्थी किसी भी राज्य के बॉर्ड से पास हो फिर भी ITI के लिए आवेदन कर सकता है।

Age Limit For ITI 

ITI में आवेदन करने के लिए विद्यार्थियों की उम्र कम से कम 14 साल होनी चाहिए।

UP ITI 2021 में आवेदन करने के लिए Important Dates

Application starting :-  04 August 2021

Last Date for Apply online :- 28 August 2021

Last Date pay Exam Fee :- 28 August 2021

Merit List Date :- जल्द ही घोषित की जाएगी

Counseling Date :- जल्द ही घोषित की जायेगी


Application Fess For ITI 2021

ITI 2021 में आवेदन करने के लिए फीस इस प्रकार निर्धारित की गई है:- 

General / OBC :- 250/-

SC / ST :- 150/-

Payment Mode :- Credit card, Debit Card, Net Banking

 

ITI Full Form ( ITI का पूर्ण अर्थ क्या है )

ITI का पूरा अर्थ इस प्रकार है:-

ITI का अर्थ Industrial Training Institute है
और हिंदी में इसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कहा जाता है। 

Where is ITI College ( ITI के कॉलेज कहाँ हैं )



विद्यार्थियों को यह बात जानना बहुत जरूरी है कि ITI कॉलेज कहाँ पर हैं क्योंकि आवेदन करने के बाद विद्यार्थियों को कुछ समस्या देखनी पड़ती है।

ITI College List with college Name ( UP )

* Global Private ITI ( Moradabad )

* Government ITI ( Aligarh )

* Government ITI ( Pilibhit )

* Government ITI college ( Moradabad )

* Government ITI ( Noida )

* Gaurav Private ITI ( Aligarh )

* ITI college in ( Noida )

* ITI college in ( Saharanpur )

* ITI college in ( Mathura )

* Vimla ITI  Private college ( Kanpur )

* ITI College in ( Gorakhpur )


What is ITI Fees .( ITI में कितनी फीस देनी पड़ती है। )

ITI के लिए सरकारी  कॉलेज में सालाना फीस 12000-13000 रुपये रखी गई है वहीँ अगर गैर सरकारी अथवा प्राइवेट कॉलेजों की बात करें तो लगभग 20000- 25000 रुपये फीस के रूप में तय किये गए हैं।

ITI फॉर्म को आवेदन करने की प्रक्रिया ( How to online ITI Form )

ITI के फॉर्म को किस प्रकार ऑनलाइन आवेदन कराना है:- 

अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए वेबसाइट http://www.scvtup.in को खोलना होगा तथा उस पर बने हुए लिंक " online submission of application for Addmission for session 2021-2022 for government/Private ITI " पर क्लिक कर इस प्रकार फॉर्म को भरें।

साथ ही अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन से पहले OTP से अपने मोबाइल नंबर को लिंक कराना है।

अगले चरण पर पहुंचने के लिए आवेदक के मोबाइल नंबर पर एक OTP भेज दिया जाएगा , जिसे नीचे दिए गए बॉक्स में भरकर verify and proceed पर क्लिक करें।

फॉर्म भरने की प्रक्रिया वेबसाइट पर उपलब्ध होगी ।

 फॉर्म भरने के बाद उसे Preview करके देख लें।

फिर इसके बाद fees proceed पर क्लिक करें और फीस वाले फार्म को प्रिंट करके रख लें।

इसके बाद,  अभ्यर्थी का नाम ( Name of Applicant )

पिता का नाम ( Father's name )

माता का नाम ( Mother's name )

लिंग ( Gender )

जन्म तिथि ( Date of birth )

वर्ग ( Category )

दिव्यांगता का प्रकार ( Disability )

अल्पसंख्यक श्रेणी ( Minority Category )

आधार कार्ड नम्बर ( UIDAI Number )

मोबाइल नंबर ( Mobile Number )

ई-मेल आई डी ( E-mail ID )

गृह निवास स्थान ( Domicile )

गृह जनपद ( Home District )

तहसील का नाम ( Name of Tehsil )

 विकास खंड का नाम ( Name of Block )


ITI की तैयारी कैसे करें।

ITI की तैयारी करने के लिए आप अच्छे कोचिंग संस्थानों पर जाकर पढ़ सकते हैं

ITI में प्रवेश करने के तुरंत बाद विद्यार्थियों को पढ़ाई चालू कर देनी चाहिए।

ITI में इंजीनियरिंग  कॉर्स के लिए बहुत पढ़ाई करनी पड़ती है।

ITI की पढ़ाई के लिए आप किसी प्रोफेशनल से सम्पर्क करने के बाद उनसे पढ़ सकते हैं।

ITI के बाद कौन सी नौकरी मिल सकती है ?

ITI करने के बाद विद्यार्थी इंजीनियरिंग और गैर इंजीनियरिंग दोनों प्रकार की नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।

इंजीनियरिंग में फिटर, इलेक्ट्रॉनिक, ऑपरेटर, मैकेनिक आदि का कार्य मिल सकता है।

ITI करने के बाद विद्यार्थी एक प्रोफेशनल जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं।

ITI करने के बाद क्या करें ?


ITI करने के बाद आप सरकारी नौकरी जैसे, रेलवे, एयरफोर्स, इंडियन आर्मी आदि के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सरकारी नौकरी के लिए अगर आपके पास इलेक्ट्रिक ट्रेड्स या फिर मैकेनिकल ट्रेड्स है तभी आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

ITI करने के बाद अगर आपके पास इलेक्ट्रिकल ट्रेड्स या फिर मैकेनिकल ट्रेड्स है तो आप सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं क्योंकि ITI से संबंधित सरकारी नौकरी बहुत निकलती हैं।

ITI में प्रवेश लेने के लिए 

कितनी परसेंट

 चाहिए ?

ITI में प्रवेश करने के लिए अलग अलग राज्यों में परसेंटेज का निर्धारण किया गया है।

ITI में प्रवेश लेने के लिए कम से कम 10 वी या 12 वी में आपकी परसेंटेज 56 % - 60 % तक होनी चाहिए।

ITI में प्रवेश लेने के लिए अगर आपकी परसेंटेज 60 % से ऊपर है तो आप जरूर ITI के लिए आवेदन करें।


ITI कोर्स करने के बाद कितनी

 सैलरी मिलती

 है ?


अगर आपने ITI की  है तो आपके लिए किसी भी प्राइवेट कंपनियों में 11 - 12 हजार रुपये तक  मिल सकते हैं।

अगर आपने ITI के माध्यम से कोई अच्छी ट्रेड्स की है तो आपके लिए 15 हजार रुपये से कम कोई भी कंपनी नहीं देगी।

ITI डिप्लोमा वालों को सभी प्राइवेट कंपनियों में बहुत ही अच्छी सैलरी मिलती है।


सिविल इंजीनियरिंग की सैलरी कितनी होती है ?


जो विद्यार्थी ITI के माध्यम से सिविल इंजीनियरिंग की ट्रेड्स कर लेते हैं उन्हें किसी भी प्राइवेट कंपनियों में 20000 - 450000 रुपये के बीच में मिलती है ।

जब सिविल इंजीनियरिंग वालों को काम करने का अनुभव होता है तो उनकी सैलरी भी बढ़ जाती है।

Disclaimer

आशा करते हैं कि आप सभी के लिए हमारी ये महत्वपूर्ण सूचना  बहुत अच्छी लगी होगी। कृपया हमारी इस जानकारी के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें जिससे सभी लोगों के लिए ITI के बारे में जान सकें। हर प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट से बनें रहें।

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Friday, August 6, 2021

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है इन हिंदी, What is (OS) Operating system

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता

 है,ऑपरेटिंग सिस्टम का

 कार्य,फुल हिंदी जानकारी।



 

दोस्तों आज हम आप सभी लोगों के साथ एक ऐसा आर्टिकल संयोजित कर रहे हैं जो Operating system केे बारे में आपके लिए पूरी जानकारी देगा, इसलिए हमारे  आर्टिकल को लास्ट तक पड़ें । आपको ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में फुल जानकारी मिलेगी।

Operating system ( ऑपरेटिंग सिस्टम )

ऑपरेटिंग सिस्टम एप्पलीकेशन सॉफ्टवेयर के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। जिस पर एप्पलीकेशन सॉफ्टवेयर चलता है। आपके कंप्यूटर पर चलने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम सबसे महत्वपूर्ण प्रोग्राम है।

यह यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के मध्य एक मध्यस्थ का कार्य करता है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर में सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स का एक सैट होता है जो सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्राम द्वारा कंप्यूटर हार्डवेयर के उपयोग करने के ढंग एवं यूज़र्स द्वारा कंप्यूटर को कंट्रोल करने के तरीके को नियंत्रित करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम अलग-अलग हार्डवेयर के पार्ट्स को आपस में जोड़ने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर अर्थात एक ड्राइवर का कार्य करता है।

जो भी नए एप्पलीकेशन सॉफ्टवेयर या ड्राइवर इनस्टॉल किये जाते हैं, सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में जुड़ते जाते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम ही कंप्यूटर को यूजेबल बनाता है।


Types of operating system ( ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार ) ।

* Single user, single task :- जो ऑपरेटिंग सिस्टम एक बार में कंप्यूटर पर एक यूजर और एक ही कार्य को एक बार में करने की अनुमति देता है उन्हें सिंगल यूजर सिंगल टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है।

* Single user Multi - tasking :- जिसमें एक बार में एक ही यूजर परन्तु कई कार्य एक साथ कर  सकता है। जैसे - एक व्यक्तिि अपने  विन्डोज  आधारित पी. सी. पर एक साथ  टाइपिंग , म्यूजिक , प्रिंटिंग आदि कई कार्य कर सकता है।

* Multi user, Multi - task :- वो ऑपरेटिंग सिस्टम जो एक कंप्यूटर पर एक साथ कई यूूज़र्स और  कई कार्य को एक साथ करने की अनुमति देेता है।

* Real time operating system :- जो ऑपरेटिंग सिस्टम किसी अन्य मशीन या डिवाइस से चलता है जैसे  सी. टी. स्कैन मशीन, एवं syntific instrument इत्यादि।

Basic of popular OPERATING SYSTEM ( LINUX , WINDOWS )

लाइनक्स एक  लोकप्रिय ग्राफिकल यूजर  Interface ऑपरेटिंग सिस्टम है।  इसमें vertual  मोमोरी और मल्टी टास्किंग  होता है अर्थात एक ही समय में कई कार्य कर सकते हैं जैसे  Music , Typing , Printing आदि कई कार्य एक साथ किये जा सकते हैं।
यह एक स्वतंत्र पोर्टेबल ऑपरेटिंग सिस्टम है, अतः इसको चलाने के लिए किसी भी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम की जरुरत नहीं होती है।

जैसे विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम में डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम की जरुरत होती है परंतु इसमें नहीं।

साथ ही इसमें मेमोरी मैनेजमेंट, फ़ाइल मैनेजमेंट, नेटवर्किंग आदि सभी फीचर भी हैं। अतः इसे मल्टी टास्किंग कहा जाता है।

प्रारंभ में इसे सर्वर के लिए उपयोग किया जाता था। यह एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, इसमें लगभग वे भी फीचर उपलब्ध हैं जो कि यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में होता है।

यह टी. सी. पी. / आई. पी. प्रोटोकोल्स को भी सपोर्ट करता है।

इसमें कमांड लाइन्स Interface and Grafical Interface दोनों ही फीचर उपलब्ध हैं।

यूजर लॉगिन विंडो पर लॉगिन करते समय यूजर नाम और पासवर्ड के बिना लॉगिन नहीं किया जा सकता है जबकि विंडोज में यह अनिवार्य नहीं है।

अधिकतर मैनुफैक्चरिंग हार्डवेयर को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए बनाते हैं यही कारण है कि प्लग एंड प्ले अधिक सपोर्ट नहीं करता ।


Basics of WINDOWS










विंडोज यह एक ग्राफिक्स यूजर Interface का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह भी मल्टी टास्किंग, नेटवर्क सपोर्टेड ऑपरेटिंग सिस्टम हैै।

विंडोज के कई वर्जन आये हैं परंतु यहां पर windows XP तथा Windows 7 के लिए ऑपरेट किया जाता है।

वर्जन सर्वर तथा स्टैंड दोंनो के लिए अलग ऑपरेटिंग सिस्टम है।

यह टी. सी.पी. / आई.पी. प्रोटोकोल्स को सपोर्ट करता है। फ़ाइल / डाइरेक्टरी मैनेजमेंट के साथ ही मेमोरी मैनेजमेंट करता है।

Windows XP :- माइक्रोसॉफ्ट win-XP  विन्डोज का लोकप्रिय वर्जन है जो कि 2001 से लेकर अब तक किया जा रहा है।

अब तो इसका 32 बिट एवं 64 बिट दोनों ही वर्जन माइक्रोसॉफ्ट ने  विकसित कर दिया है।


Windows 7 :-  विन्डोज 7 घर और व्यापार के लिए डेस्कटॉप , लैपटॉप , टैबलेट पी. सी. और  मीीडिया सेंटर पी. सी. सहित निजी Computer पर इस्तेमाल के लिए   माइक्रोसॉफ्ट द्वारा उत्पादित  एक और सफल ऑपरेटिंग सिस्टम हैै ।

 यह 2009 मे जारी किया गया था। यह विन्डोज 7 स्टार्टर , विन्डोज होम बेसिक ,  विन्डोज 7 अल्टीमेट , विन्डोज 7 प्रोफेशनल के साथ शुरू में जारी किया गया था। 

Office Software

वर्ड प्रॉसेसिंग के लिए राइडर , स्प्रेडशीट्स में  कैल्क , प्रजेंटेशन के लिए इम्प्रेस सॉफ्टवेयर ऑफिस ओपन के अंतर्गत होता है।

यह माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के वर्ड , एक्सेल , पॉवरपॉइंट एप्पलीकेशन जैसा होता है।

Quick launch Toolbar

यह टूलबार, माउस के ईजी एक्सेस के लिए रिलेटेड इकॉन्स का एक सैट दर्षाता है।

विंडोज कई प्रकार के टूलबार प्रदान करता है। जिन्हें आप अपनी सुविधा के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।

आप इन बटन्स पर क्लिक करके एक प्रोग्राम या फोल्डर को  एक्सेस कर सकते हैं।

Start Menu

स्टार्ट मेनू / बट्टून सबसे पहले विंडोज 95 में आया था।इस बट्टून का उपयोग एप्पलीकेशन को रन करने के लिए किया जाता है।

की बोर्ड पर विंडोज की अथवा ctrl + Esc की कॉम्बिनेशन को प्रेस करके ओपन किया जा सकता है।

विंडोज में माउस के द्वारा इस बट्टून को क्लिक करके भी खोला जा सकता है।

इसमें कस्टमाइज एप्पलीकेशन के अलावा विशेष फोल्डर जैसे माई डॉक्यूमेंट आदि भी होते हैं।

Office Software

वर्ड प्रोसेसिंग के लिए राइडर, स्प्रेडशीट में कैल्क, प्रेसेंटेशन के लिये इंप्रेस सॉफ्टवेयर ऑफिस ओपन के अंतर्गत होता है।

जो कि माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के वर्ड, एक्सेल, पावर पॉइंट एप्पलीकेशन जैसा होता है।

Notepad


यह टेक्स्ट फ़ाइल क्रिएट या एडिट करने के लिए यूज़ किया जाता है।

जिसमें कोई फॉर्मेटिंग न करनी हो और जिसकी फ़ाइल साइज छोटी होती है।

बाई डिफाल्ट नोटपैड फ़ाइल को .Text फॉर्मेट में सेव करता है।

नोटपैड को चलाने के लिए स्टार्ट बट्टून पर क्लिक करके आल प्रोग्राम और आल प्रोग्राम में accseris के अंदर नोटपैड पर क्लिक करें या रन ऑप्शन पर नोटपैड लिखकर एंटर करें।

नोटपैड एप्पलीकेशन खुल जायेगा।

Operating system Simple Setting


विंडोज एक्सपी एवं विंडोज 7 में कंट्रोल पैनल में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को सैट करने, इंस्टॉल सव इंस्टॉल करने सम्वन्धित कई महत्वपूर्ण टूल्स होते हैं।

जिनकी मदद से सिस्टम सेटिंग्स जैसे डेट एंड टाइम , रिमूव सॉफ्टवेयर/ कॉम्पोनेन्ट, डिस्प्ले प्रोपर्टी, माउस , कीबोर्ड आदि की सेटिंग्स कर सकते हैं।

Deleting File / Folder

अगर आप किसी फ़ाइल या फोल्डर को डिलीट करने चाहते हैं तो आपको उस फ़ाइल या फोल्डर पर क्लिक करना होगा।

और फ़ाइल मेनू पर जाकर डिलीट ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।

Disclaimer


हम आशा करते हैं कि आपको ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। 

ऑपरेटिंग सिस्टम अलग अलग हार्डवेयर के पार्ट्स को आपस में जोड़ने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर मतलब एक ड्राइवर का कार्य करता है।

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Sunday, August 1, 2021

बैंक क्या है, बैंक के लाभ, हिंदी में जानकारी।

 Bank क्या है, बैंक के

 प्रकार, कितने पद होते

 हैं,क्या लाभ हैं सब कुछ

 हिंदी में सीखें।







** बैंक के बारे में सभी जानकारी प्रस्तुत है। **

आज हम आप लोगों को बैंक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे, बैंक में क्या काम होता है , कितने पद बैंक में होते हैं, बैंक के कितने प्रकार होते हैं। जानकारी लेने के लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पड़ें, पूरी जानकारी साफ-साफ दी गई है। बैंक की सभी जानकारी इस आर्टिकल में संयोजित है।


बैंक क्या है।

अपने रुपये, पैसे व पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए और हर प्रकार के लोन लेने के लिए हम बैंको का उपयोग करते हैं। सभी बैंकों में हम अपने रुपये और पैसों को पूरी तरह सुरक्षित रख सकते हैं। बैंकों में अपने धन को जमा करने के बाद हम सभी अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं।
बैंकों में आप न सिर्फ अपना धन जमा कर सकते हो बल्कि किसी भी तरह का लोन भी ले सकते हैं। सभी प्रकार की बैंको में अनेक प्रकार की सुविधा ग्राहक को प्रदान की जाती है। सभी बैंकों के अपने-अपने बहुत से कार्य हैं जिनसे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लोग कई तरह की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

आपको बैंकों में अपना धन जमा करने के लिए बैंक में खाता खुलबाना पड़ता है जिसकी मदद से आप बैंक में अपना धन सुरक्षित रख पाते हैं। 

बैंको के द्वारा आप किसी भी तरह के लोन जैसे कार लोन,किसान लोन,बीमा लोन,शिक्षा से संबंधित लोन एवं बहुत सारे लोन इसकी सहायता से ले सकते हैं।


** बैंक खातों के प्रकार **

भारत में चार प्रकार के प्रमुख बैंक खाते प्रदान किये जाते हैं। जैसे:-

* चालू खाते ( current Account )

* बचत खाते ( saving Account )

* रेकरिंग डिपॉजिट खाते ( Recurring Account )

* फिक्स्ड डिपॉजिट खाते ( Fixed Deposit Account )


** चालू खाते ( current Account ) - चालू खाते सर्वाधिक नकदी डिपॉजिट प्रदान करते हैं, और इसलिये व्यवसायों और कंपनियों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त होते हैं। चूंकि यह खाते निवेशों और बचत के लिए नहीं बने होते, इसलिए इन पर किसी भी दिन किये जाने वाले लेन-देनो की संख्या या राशि पर कोई सीमा लागू नहीं कि जाती।
चालू खाता धारकों को उनके खातों में रखी गई राशियों के लिए कोई ब्याज नहीं दिया जाता है। उनसे इन खातों पर दिए गए कुछ सेवाओं के लिए शुल्क लिया जाता है।

** बचत खाते ( saving Account ) - बचत खातों का उद्देश्य बचत को बढावा देना है, और   इसलिए यह  वेेेतनभोगी व्यक्तियों, पेन्सनधारकों और students केे पहली पसंद है। एक ओर जहां डिपॉजिट की संख्या और राशि पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बहीं धन नििकालने  की संख्या  और राशि पर   अक्सर  प्रतिबंध होते हैं।

** रेकरिंग डिपॉजिट खाते( Recurring Deposit Account )-  रेकरिंग डिपाजिट खाते, जिन्हें आरडी खाते भी कहा जाता है,  उन व्यक्तियों की पसंद  होते हैं जो प्रत्येक माह एक छोटी सी राशि  बचाना चाहते हैं, लेकिन एक   समय में एक बडी राशि निवेश करने में अक्षम होते हैं। निर्दिष्ट अवधि की समाप्ति पर कुल  राशि को ब्याज  सहित फिर से भुगतान कर दिया जाता है।

** फिक्स्ड डिपॉजिट खाते ( Fixed Deposit Account )-  फिक्स्ड डिपॉजिट खाते जिन्हें एफडी खाते भी कहते हैं उन  व्यक्तियो के लिए आदर्श हैं जो अपनी बचत को एक उच्च   ब्याज दर के बदले   लंबे समय के लिए जमा करने की इच्छा रखते हैं। यदि आवश्यक हो तो जमाकर्ता fixed Deposit को परिपक्वता समय  पूर्व  तुड़वा   भी सकता है। 

* बैंक की आवश्यकता क्यों होती है *













बैंक में रखा हमारा धन सुरक्षा की दृष्टि से बैंक का दायित्व हो जाता है कि उसकी सारी सुरक्षा बैंक करेगा।इसके लिए बैंक अलग से बजट बना कर इसकी व्यवस्था करता है। 
इसके अलावा बैंक से ब्याज के रूप में हमारे धन की बृद्धि होती है। समय- समय पर हम बैंक से ऋण का लाभ भी उठा सकते हैं। 
जो कि हमें धीरे-धीरे लौटाना होता है यदि हम अपना पैसा बैंक में रखे तो इस प्रकार बैंक हमारी मुसीबत के समय भी काम आ सकते हैं।

* Why saving are needed ?

* बचत क्यों आवश्कयता है।

बचत का लाभ हम सभी जानते हैं, पर सोचने वाली बात यह है कि हम क्यों उन पैसों को बचा कर रखें जिन्हें आज हम खर्च कर सकते हैं। इसके मुख्य कारण यह हैं:- 
1. हम कभी दुर्घटनाओं को भांप नहीं सकते हैं क्योंकि भविष्य हम नहीं देख सकते हैं। किसी भी अनहोनी में हमारी बचत ही हमारे काम आती है।

2. बचत हमारे सेवानिवृत्त हो जाने पर हमारा सहारा बनती है।

3. कल की चिंता का इलाज आज की बचत ही है।

4. भविष्य की आवश्यकतानुसार सदैव वर्तमान की अवश्यक्तायो से महत्वपूर्ण होती है।

** Digital Transaction Platform. ( डिजिटल ट्रांसक्शन प्लेटफॉर्म ) **




यह एक माध्यम है जिसमें ग्राहक सभी वित्तीय लेन-देन एक डिवाइस के द्वारा करते हैं। इसमें बैंक या अन्य वित्तीय सुविधा देने वाले कार्यालय सम्मिलित होते हैं। 
ये आपस में एक करार के माध्यम से एक दूसरे से जुड़कर ग्राहकों के पैसे के लेन देन के कार्य को पूरा करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें नकद पैसे का कोई योगदान नहीं होता है।
 
ये ग्राहकों के पैसे को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल कर उनका हिसाब सुरक्षित रखते हैं।

इनका मुख्य कार्य डिजिटल सेवा के प्रचार व प्रसार को ग्राहक तक पहुंचाने का प्रबंधन करना होता है।

यह कार्ड पेमेंट डिवाइस या POS के रूप में भी हो सकती है। उदहारण के लिए मोबाइल फोन द्वारा किसी अन्य फोन में पैसे रिचार्ज करना ।

यहाँ मोबाइल फोन एक पेमेंट डिवाइस के रूप में काम करता है।
डिजिटल फिनांसियल सर्विसेज, वित्तीय सेवाओं का लाभ डिजिटल रूप मे उठाने को कहते हैं।

ऑनलाइन बैंकिंग 

आरटीजीएस ( ARTGS ) ऑनलाइन बैंकिंग क्या है ?

इंटरनेट या ऑनलाइन बैंकिंग खाता धारकों को लैपटॉप या किसी भी स्थान से अपने खातों के उपयोग करने देती है । किस खाते तक पहुंचने के लिये, खाताधारकों को केवल अपने विशिष्ट कस्टमर आईडी नम्बर और पासवर्ड का उपयोग करना होता है। internet Banking का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है।

1. खाते के बैलेंस का पता लगाने के लिए।

2. एक खाते से दूसरे खाते में राशि स्थानांतरित करने के लिए।

3. चेक जारी करने की व्यवस्था करने के लिए।

4. भुगतान किए जाने के लिए, निर्देश देने के लिए।

5. चेक बुक का अनुरोध करने के लिए।

6. खातों के विवरणों का अनुरोध करने के लिए।

इलेक्ट्रॉनिक फंड्स हस्तनान्तरण

इलेक्ट्रॉनिक गेटवे के माध्यम से फंड्स हस्तनान्तरण करना अत्यधिक सुविधाजनक है। ऑनलाइन बैंकिंग की सहायता से आप ये कार्य कर सकते हैं-

1. एक ही बैंक में अपने खातों में फंड्स हस्तनान्तरण करना।

2. एक ही बैंक में विभिन्न खातों के बीच फंड्स हस्तनान्तरण करना।

3. NEFT के उपयोग से विभिन्न बैंको में फंड्स हस्तनान्तरण करना।

4. RTGS के उपयोग से अन्य बैंक खातों में फंड्स हस्तनान्तरण करना।

5. IMPS के उपयोग से विभिन्न खातों में फंड्स हस्तनान्तरण करना।

एनईएफटी ( NEFT )

NEFT का अर्थ है नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर। यह धन हस्तनान्तरण प्रणाली आपको आपके संबंध बैंक खातों से किसी भी दूसरे खातों में इलेक्ट्रॉनिक ढंग से फंड्स हस्तनान्तरण करने की अनुमति देती है।

 NEFT का उपयोग खातों के बीच फंड्स हस्तनान्तरण करने के लिए व्यक्तियों, फर्म और कॉरपोरेट संगठनो के द्वारा किया जा सकता है।
NEFT के माध्यम से फंड्स हस्तनान्तरण करने के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है:-

* हस्तनान्तरण करने वाला बैंक

* गंतव्य बैंक

RTGS

RTGS का अर्थ है रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यह वास्तविक समय फंड्स हस्तनान्तरण प्रणाली है जो आपको एक बैंक से दूसरे बैंक में, वास्तविक समय पर ग्रॉस आधार पर, फंड्स हस्तनान्तरण करने देती है।

हस्तनान्तरण राशि को एक बैंक के खाते से तुरंत घटाया जाता है, और दूसरे बैंक के खाते में तुरंत डाल दिया जाता है।

RTGS भुगतान गेटवे को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बनाये रखा जाता है।
बैंको के बीच का हस्तनान्तरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है।


IMPS

IMPS का अर्थ है इमिडीएट पेमेंट सर्विस। यह एक वास्तविक समय, inter- bank ,इलेक्ट्रॉनिक फंड्स हस्तनान्तरण प्रणाली है।

इसका उपयोग भारत भर में बैंको के बीच तुरंत धन हस्तनान्तरण करने के लिए किया जाता है।

IMPS अपने उपयोगकर्ता को मोबाइल बैंकिंग और SMS दोनों के द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग से तुरंत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर भुगतान करने में सक्षम करता है।

इसका उपयोग ATM और ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से भी किया जा सकता है।

IMPS दिन के 24 घंटे और सप्ताह के सात दिन उपलब्ध है।

यह प्रणाली एक सुरक्षित हस्तनान्तरण गेटवे प्रदान करता है।

** IMPS द्वारा धन हस्तनान्तरण करने के लिए आपको इनकी आवस्यकता होगी:-

* अपने बैंक के साथ IMPS के लिए रजिस्ट्रेशन करें।

* बैंक से एक मोबाइल मनी   आइडेंटिफायर    ( MMID )  प्राप्त करें।

* बैंक से एक MPIN प्राप्त करें।

* SOME IMPORTANT TIPS *

* अपने ऑनलाइन बैंकिंग वेबसाइट तक पहुंचने के लिए किसी भी ई-मेल संदेश में किसी भी लिंक को क्लिक न करें।

* ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करते समय आपसे कभी भी आपके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की विवरण नहीं पूछें जाएंगे।

* अपने ऑनलाइन बैंकिंग पासवर्ड को नियमित रूप से परिवर्तित करते रहें।





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Thank You ( धन्यवाद ) !





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